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Cancer Mein Dard Ka Ilaj (अपने दर्द के लिये अपनाएँ आयुर्वेदिक उपचार)

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सार: कैंसर से पीड़ित हर व्यक्ति को तीव्र वेदना का अनुभव नहीं होता, लेकिन कुछ लोगो में दर्द की तीव्रता अधिक होती है। कैंसर के फैलने या दोबारा हो जाने पर दर्द अधिक होता है। हालाँकि कैंसर से संबंधित दर्द पर कम ही चर्चा होती है क्यूंकि ज्यादातर चिकित्सक दर्द पर इतना ध्यान नहीं देते या कभी-कभी रोगी भी ये बात करने से बचते हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि चिकित्सक परेशान हो या उन्हे दर्द निवारक दवाओ की लत लग जाये, इसके अलावा साइड इफेक्ट्स के डर के कारण भी रोगी इस मामले में कुछ नहीं बोलते।

कैंसर का दर्द विभिन्न प्रकार का होता है। यह दर्द धीमा, तेज या जलन वाला हो सकता है। या फिर निरंतर, रुक-रुक के होने वाला, हल्का, मध्यम या गंभीर भी हो सकता है। अधिकांश कैंसर से संबंधित दर्द का प्रबंधन किया जा सकता है और दर्द को नियंत्रित करना कैंसर के उपचार का एक अनिवार्य हिस्सा है। लेकिन दुर्भाग्य से बाज़ार में उपलब्ध दवाओं के साइड इफेक्ट्स की लंबी सूची है जैसे कि नींद न आना, कब्ज, गैस्ट्राइटिस, आदि।

आयुर्वेद का परिप्रेक्ष्य

त्रैलोक्य विजया वटी में उपस्थित विजया एक प्रभावी यौगिक है जो दर्द प्रबंधन में मदद करता है और मूड को सही करने में भी मदद करता है। ये दोनों ही गुण कैंसर रोगियों के उपचार में आवश्यक हैं।

परिचय

मेटास्टैटिक स्पाइनल कॉर्ड कम्प्रैशन कैंसर की एक दुर्लभ लेकिन जानी-मानी अवस्था है। रीढ़ की हड्डी में मेटास्टेसिस, कैंसर से पीडित 3-5% रोगियों में होते हैं लेकिन स्तन और फेफड़े के कैंसर के रोगियों में यह लगभग 19-20% तक होता है।

मेटास्टैटिक स्पाइनल कॉर्ड कम्प्रैशन आमतौर पर मेटास्टेटिक कशेरुक के पतन या संपीडन के कारण होता है, इसके अलावा यह कशेरुक में ट्यूमर के विस्तार के कारण भी हो सकता है। ऐसे रोगियों में प्राथमिक शिकायत लंबे समय तक पीठ दर्द और हाथ-पैरो की कमजोरी होती है। रोग बढ़ने पर रोगी का अच्छी तरह से मूल्यांकन किया जाना चाहिए और सर्जरी या रेडियोथेरेपी में से बेहतर चिकित्सा दी जानी चाहिए। ऐसे रोगी जिनमे 48 से अधिक घंटों तक कोई न्यूरोलॉजिकल फंक्शन नहीं देखा गया, उनमें लक्षणो की चिकित्सा या उपशामक उपचार दिया जाना चाहिये।

कैंसर की चिकित्सा कराने वाले रोगियों में दर्द अपनी चरम सीमा पर होते हैं। ऐसी स्थितियों में, वैकल्पिक दवाइयों का उपयोग, अनावश्यक दुष्प्रभाव जैसे कि गैस्ट्राइटिस, मतली, उल्टी, आदि के बिना दर्द से राहत, मानसिक स्थिरता और अन्य परेशानियो से राहत देते हैं।

केस रिपोर्ट 

रोगी का वर्णन

यह केस हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पास रहने वाली 23 साल की महिला का है। वह रीढ़ की हड्डी के मेटास्टैटिक कार्सिनोमा से पीड़ित थी और पिछले कुछ हफ्तों से तेज दर्द बता रही थी। जब दर्द की गंभीरता असहनीय हो जाती थी तो उसे दर्द निवारक दवा लेनी ही पडती थी। सिंथेटिक दर्द निवारको के दुष्प्रभाव-गंभीर गैस्ट्राइटिस और जीईआरडी जैसे रोग थे, जो उसकी परेशानियो को और बढा रहे थे। इस लड़की को त्रैलोक्य विजया वटी दी गयी जो प्राचीन आयुर्वेदिक संहिताओ में उल्लिखित एक शास्त्रीय योग है।

इतिहास इतिवृत्त

रोगी ने मेटास्टैटिक स्पाइनल कॉर्ड कम्प्रैशन के लिए रेडियेशन थेरेपी ली और बाद में स्तन कैंसर के लिए कीमोथेरेपी लेनी शुरु की। वह बाएं हाथ को हिला नहीं पा रही थी और पूरे शरीर में दर्द और जलन के कारण जीईआरडी / अपच और अनिद्रा की शिकायत कर रही थी। जब उसे दी गयी दवाओ से कोई आराम नहीं मिला तो वह अंतिम उपाय की तलाश में हमारे क्लीनिक आयी।

उपचार योजना / उपयोग की जाने वाली दवाएं – Cancer Ke Dard Ki Ayurvedic Dawa

पाँच दिनों के लिए उसे दिन में तीन बार एक-एक गोली त्रैलोक्य विजया वटी की दी गई और इसके अलावा ‘पंचकर्म’ किया गया।

उपचार योजना के अपेक्षित परिणाम

अपेक्षित था कि धीरे-धीरे रोगी को उसके दर्द से राहत मिलेगी और बेहतर नींद आएगी।

वास्तविक परिणाम

इस केस में ‘विजया’ के वेदना-शामक प्रभाव काफी उल्लेखनीय थे, और उसे त्रैलोक्य विजया वटी लेने के पहले सप्ताह के भीतर ही दर्द से काफी राहत मिली। उसने अब बिना किसी प्रतिबंध के अपने बाएं हाथ को ऊपर उठाना शुरू कर दिया था, जो कि पहले वह अपने दूसरे हाथ के सहारे या बाहरी सहारे के बिना नहीं कर पा रही थी। रोगी ने अपनी भुजाओ और उंगलियों को भी चलाना शुरू कर दिया, जो कि दर्द की वजह से गतिहीन हो कर रह गयी थी।

रोगी को अब ठीक से नींद आने लगी और उसकी अजीर्ण की समस्या भी काफी हद तक ठीक हो गयी। सबसे महत्वपूर्ण बात, वह दोबारा मुस्कुराने लगी जो कि वह अपने दर्द के कारण भूल ही गई थी।

विचार-विमर्श

रोगी की वेदना, अजीर्ण और नींद की समस्याओ को देखते हुए उपचार योजना बनाई गई थी।

निष्कर्ष

इस अध्ययन से यह साबित हो गया कि त्रैलोक्य विजया वटी कैंसर के कारण होने वाले दर्द में प्रभावी है।

कैंसर व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, ऐसी स्थिति में रोगी के प्रभावी इलाज के लिये उसके दर्द और मानसिक स्थिति को ठीक करना महत्वपूर्ण है। ऐसे में विजया बहुत ही कम मात्रा में, बिना दुष्प्रभाव के कम समय में ही अच्छे परिणाम देता है।

https://blog.hempstreet.in/chronic-pain-can-now-be-managed-with-ayurveda/

अध्ययन: डॉ भूपेश वशिष्ठ

Hempstreet is India's first and largest research to retail player in the medicinal cannabis space with a network of 60,000 ayurvedic practitioners across the country.

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